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उत्तराखंड पंचायत चुनाव 2025 की बड़ी घोषणा! आचार संहिता लागू, तिथियाँ तय, 10 लाख का बीमा कवर

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उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 को लेकर अब कोई असमंजस नहीं बचा है। राज्य निर्वाचन आयोग ने 21 जून 2025 को औपचारिक अधिसूचना जारी कर दी है और इसके साथ ही राज्य में आचार संहिता लागू कर दी गई है। अब पूरा प्रशासन चुनावी मोड में आ चुका है और हर गांव-गांव तक लोकतंत्र की दस्तक सुनाई देने लगी है।

निर्वाचन आयोग की ओर से जारी शेड्यूल के अनुसार, पंचायत चुनाव दो चरणों में कराए जाएंगे। आयोग ने चकबंदी के आधार पर प्रदेश के 13 ज़िलों के सभी विकास खंडों को पहले और दूसरे चरण में बाँट दिया है।

बागेश्वर ज़िले के तीनों ब्लॉक – बागेश्वर, कपकोट और गरुड़ – एक ही चरण में मतदान करेंगे।
वहीं देहरादून ज़िले के 3-3 ब्लॉक – चकराता, कालसी और विकासनगर पहले चरण में, जबकि डोईवाला, रायपुर और सहसपुर दूसरे चरण में शामिल होंगे।

पहले चरण में खासतौर पर दूरस्थ और पर्वतीय क्षेत्रों को शामिल किया गया है, ताकि मानसून की दिक्कतों से बचा जा सके। इसके लिए आपदा प्रबंधन सचिव को निर्देश दे दिए गए हैं कि मौसम की स्थिति को देखते हुए सभी आवश्यक व्यवस्थाएँ समय पर सुनिश्चित की जाएं।

अब आइए आपको बताते हैं चुनाव की तिथियाँ क्या होंगी:

पहले चरण का कार्यक्रम इस प्रकार है:

  • नामांकन की तारीख़: 25 जून से 28 जून 2025 (सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक)

  • नामांकन पत्रों की जांच: 29 जून से 1 जुलाई 2025

  • नाम वापसी की अंतिम तिथि: 2 जुलाई 2025 (दोपहर 3 बजे तक)

  • मतदान की तारीख़: 3 जुलाई 2025 (सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक)

  • मतगणना: 10 जुलाई 2025

  • परिणाम की घोषणा: 19 जुलाई 2025

दूसरे चरण में मतदान होगा 8 जुलाई को और मतगणना 15 जुलाई को की जाएगी।

राज्य में इस बार 10 हज़ार से अधिक मतदान केंद्र बनाए जा रहे हैं, और हर बूथ पर औसतन 750 मतदाता मतदान करेंगे। इससे मतदान को सुगम और व्यवस्थित बनाने में मदद मिलेगी।

चुनाव प्रक्रिया में सुरक्षा और निष्पक्षता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। इसी के तहत मतदान ड्यूटी में लगे कर्मचारियों को 10 लाख रुपये तक का बीमा कवर देने का प्रस्ताव तैयार किया गया है, जिसे शासन को भेजा जा चुका है।

मतदाता सूची भी अब आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध करा दी गई है, ताकि सभी मतदाता समय पर अपना नाम जांच सकें और ज़रूरी संशोधन करवा सकें।

इस बार पंचायत चुनाव सिर्फ जनप्रतिनिधियों के चयन का मामला नहीं, बल्कि ग्रामीण लोकतंत्र को और अधिक मज़बूत करने का अवसर है। राज्य निर्वाचन आयोग ने पूरी पारदर्शिता और तैयारी के साथ प्रक्रिया को शुरू किया है और अब सभी निगाहें मतदान पर टिकी हैं।

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