बागेश्वर पुलिस की बड़ी कामयाबी: 40 लाख की अवैध चरस के साथ तस्कर गिरफ्तार, नशे के सौदागरों में हड़कंप!
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बागेश्वर से इस वक्त की सबसे बड़ी और चौंकाने वाली खबर सामने आई है। पुलिस अधीक्षक चन्द्रशेखर घोडके के कुशल नेतृत्व में बागेश्वर पुलिस ने नशे के कारोबार पर एक और बड़ी चोट की है। एसओजी और कोतवाली पुलिस की संयुक्त टीम ने उस वक्त सबको हैरान कर दिया जब द्वारसों पुराने हाईडिल के पास चेकिंग के दौरान एक वाहन से करीब 9.712 किलो अवैध चरस बरामद की गई।
जानकारी के मुताबिक पकड़े गए वाहन चालक की पहचान दिनेश सिंह मेहता, निवासी मलखाडुंगर्चा, कपकोट, उम्र 30 वर्ष के रूप में हुई है। पुलिस ने मौके पर ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और उसके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की धाराओं 8/20/60 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। बरामद चरस की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 40 लाख रुपये बताई जा रही है।
यह बरामदगी न केवल बागेश्वर बल्कि पूरे उत्तराखंड में इस वर्ष की सबसे बड़ी चरस की खेप मानी जा रही है। पुलिस अधीक्षक चन्द्रशेखर घोडके और क्षेत्राधिकारी अजय साह के निर्देशन में चल रहे इस विशेष अभियान ने नशा माफिया के मंसूबों पर पानी फेर दिया है। पुलिस का कहना है कि यह कार्रवाई “नशामुक्त उत्तराखंड 2025” की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
एसओजी प्रभारी निरीक्षक सलाउद्दीन खान और कोतवाली प्रभारी अनिल उपाध्याय की अगुवाई में की गई इस कार्रवाई में टीम ने सूझबूझ और सतर्कता से काम करते हुए तस्कर को दबोच लिया। चेकिंग के दौरान जब पुलिस ने वाहन को रोका तो आरोपी ने बचने की पूरी कोशिश की, लेकिन पुलिस की पैनी नजर से वह नहीं बच सका। वाहन की तलाशी लेने पर डिक्की में चरस के पैकेट बरामद किए गए, जिन्हें तुरंत सीज कर दिया गया।
गिरफ्तारी के बाद पुलिस टीम ने जब तस्कर से पूछताछ की तो वह बुरी तरह घबरा गया और कई अहम जानकारियां दीं, जिनकी जांच अभी जारी है। पुलिस अब आरोपी के नेटवर्क की गहराई से पड़ताल कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इतनी बड़ी मात्रा में चरस कहाँ से लाई गई और किसे सप्लाई की जानी थी।
इस उल्लेखनीय सफलता पर कुमाऊं परिक्षेत्र की पुलिस महानिरीक्षक ने टीम को 5,000 रुपये तथा पुलिस अधीक्षक बागेश्वर ने 2,500 रुपये का नकद पुरस्कार देने की घोषणा की है। यह कदम पुलिस कर्मियों के मनोबल को और भी बढ़ाएगा।
इस ऑपरेशन में शामिल रही टीम में निरीक्षक सलाउद्दीन खान, प्रभारी निरीक्षक अनिल उपाध्याय, हेड कांस्टेबल राजभानु बिष्ट, जय कुमार, कांस्टेबल संतोष सिंह, रमेश सिंह, राजेंद्र कुमार, भुवन बोरा और भुवन प्रसाद शामिल रहे। इन सभी ने मिलकर बागेश्वर पुलिस की ईमानदारी, सतर्कता और पेशेवर दक्षता की एक और मिसाल पेश की है।
पुलिस अधीक्षक का कहना है कि यह सिर्फ शुरुआत है, बागेश्वर पुलिस की नशा विरोधी मुहिम लगातार जारी रहेगी। जिले के हर कोने में सघन चेकिंग और निगरानी बढ़ाई जा रही है ताकि नशे के कारोबार को पूरी तरह खत्म किया जा सके।
बागेश्वर की यह कार्रवाई साबित करती है कि अगर इरादे मजबूत हों तो नशे के अंधेरे कारोबार को भी खत्म किया जा सकता है। “नशामुक्त उत्तराखंड” का सपना अब धीरे-धीरे हकीकत बनता दिख रहा है।
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