आपातकाल की बरसी पर उठी लोकतंत्र की पुकार! गरुड़ में काला दिवस पर गरजी आवाजें
Report- Bhagwat Negi , मेरा हक़ न्यूज़ , गरुड़, बागेश्वर उत्तराखंड , 27/06/2025 : 14:07
भारतीय जनता पार्टी द्वारा आज आपातकाल की ५० वारसी पर कार्यकर्म रहा , २५ जून एक ऐसा दिन जिसे भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में काले अक्षरों में लिखा गया है। आज ही के दिन साल 1975 को देश में आपातकाल लगाया गया था। उस निर्णय ने न सिर्फ संविधान की आत्मा को झकझोर दिया, बल्कि पूरे देश की जनता को भय, दमन और असहायता की अंधेरी रातों में धकेल दिया।
इस काले दिवस की बरसी पर गरुड़ के सरस्वती शिशु मंदिर में भारतीय जनता पार्टी द्वारा एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का संचालन भाजपा मंडल अध्यक्ष डीके जोशी ने किया। मुख्य अतिथि के रूप में
दर्जा राज्य मंत्री शिव सिंह बिष्ट मौजूद रहे, जिन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान जो कुछ हुआ, वो लोकतंत्र नहीं बल्कि एक डरावना शासन था। उन्होंने याद दिलाया कि प्रेस की स्वतंत्रता छीनी गई, लाखों लोग जेलों में डाल दिए गए और जनता की आवाज़ को बेरहमी से दबा दिया गया।
शिक्षा प्रकोष्ठ संयोजक नंदन सिंह अलमिया ने अपने संबोधन में संविधान के अनुच्छेद 352 का उल्लेख करते हुए बताया कि किन परिस्थितियों में आपातकाल लगाया जा सकता है और कैसे 1975 में उसका दुरुपयोग हुआ। उन्होंने कहा कि 25 जून न सिर्फ एक तारीख है, बल्कि चेतावनी है कि लोकतंत्र की रक्षा हमेशा सजग रहकर ही की जा सकती है।
इस कार्यक्रम में भाजपा जिला अध्यक्ष प्रभा गाड़िया, विधायक प्रतिनिधि भास्कर दास, जिला महामंत्री व् कार्यकर्म संयोजक संजय परिहार, और घनश्याम जोशी , और गरुड़ के तीनों मंडल अध्यक्ष—सुनील दोसाद, डीके जोशी और दिनेश बिष्ट , व्यापर संघ अध्यक्ष महेश बिष्ट सहित नगर क्षेत्र के तमाम पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
इस मौके पर एक भावुक क्षण तब आया जब भाजपा मंडल उपाध्यक्ष राजेंद्र नेगी ने अपने परिवार की आपातकाल से जुड़ी पीड़ा साझा की। उन्होंने बताया कि उनके दादा, जिनखोला निवासी भूतपूर्व सैनिक किशन सिंह नेगी ने आपातकाल के विरोध में आवाज़ उठाई थी, जिसके चलते उन्हें 15 दिन तक जेल में रहना पड़ा। उन्होंने सिर्फ लोकतंत्र की रक्षा के लिए यह दंश झेला। उस समय उनके परिवार को सामाजिक और मानसिक रूप से भी काफी कुछ झेलना पड़ा। राजेंद्र नेगी ने कहा कि वह दर्द आज भी उनके परिवार की स्मृति में जीवित है, और यही वजह है कि लोकतंत्र उनके लिए केवल एक व्यवस्था नहीं, बल्कि भावना है।
कार्यक्रम में महिलाओं की भी सशक्त भागीदारी देखने को मिली। मंच पर महिला मंडल अध्यक्ष जानकी पांडे, पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष प्रत्याशी ललिता वर्मा, और भाजपा महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष अनीता आर्य की गरिमामयी उपस्थिति रही। सभी ने लोकतंत्र के मूल्यों को लेकर अपने विचार रखे और महिलाओं की भूमिका को लोकतंत्र की रक्षा में अहम बताया।
यह कार्यक्रम न सिर्फ एक ऐतिहासिक स्मृति को ताज़ा करने का माध्यम बना, बल्कि इसने यह भी साबित किया कि लोकतंत्र की नींव जनता के साहस, जागरूकता और बलिदान पर टिकी होती है।
भारतीय जनता पार्टी ने इस आयोजन के जरिए यह संदेश दिया कि लोकतंत्र को कमजोर करने वाली ताकतों के विरुद्ध हर दौर में एकजुट होकर खड़ा होना ज़रूरी है।
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