मेरा हक न्यूज़ में आपका स्वागत है। आज हम आपके सामने एक ऐसा मामला लेकर आए हैं, जो ना सिर्फ उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत को चोट पहुंचा रहा है, बल्कि समाज की जड़ों को भी खोखला कर रहा है। गरुड़ तहसील क्षेत्र के बैजनाथ-ग्वालदम मोटर मार्ग पर शराब की दुकानों और बारों को खोले जाने की खबरों ने क्षेत्र के लोगों की नींद उड़ा दी है। माँ कोट भ्रामरी मंदिर जैसे आस्था स्थल के मुख्य मार्ग पर शराब के ठेके खोलना, लोगों की श्रद्धा और समाज के भविष्य दोनों पर सीधा हमला है।
ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष गिरीश कोरंगा के नेतृत्व में आज मेलाडूंगरी, रावतकोट, झालामाली जैसे गांवों के सैकड़ों ने आज मुख्यमंत्री को चेतावनी पत्र दिया है , अब लोग इस मामले में खुलकर सामने आ चुके हैं। इन गाँवों में पहले ही कई परिवारों ने शराब के कारण अपनों को खोया है, और अब यदि नए बार खुलते हैं तो यह संकट और गहराने वाला है। बच्चों की शिक्षा, महिलाओं की सुरक्षा, और सामाजिक संतुलन सब कुछ खतरे में है।
ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष गिरीश कोरंगा ने कहा की प्रशासन इस क्षेत्र में आठ से दस नए शराब के बारों को लाइसेंस देने की तैयारी कर चुका है, जिनमें से कई बार उस मार्ग पर खोले जा रहे हैं जहाँ से श्रद्धालु मंदिर दर्शन के लिए आते हैं और बच्चे स्कूलों को जाते हैं। पहले से ही इस क्षेत्र में तीन शराब की दुकानें, तीन बार और दो आर्मी की कैंटीनें हैं जो युवाओं को नशे की ओर धकेलने के लिए काफी हैं।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि गरुड़ ब्लॉक के टीट बाजार जैसे भीड़भाड़ वाले इलाके में भी पहले ही तीन शराब के बार खोले जा चुके हैं, वो भी बिना क्षेत्रवासियों की अनुमति के। किसी भी ग्रामीण से ना तो एनओसी ली गई, ना ही कोई सार्वजनिक सहमति, फिर भी इन बारों को लाइसेंस कैसे मिल गया – यह बड़ा सवाल बनकर खड़ा है। ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष गिरीश कोरंगा ने सरकार से साफ तौर पर पूछा है कि जब जनता को विश्वास में ही नहीं लिया गया, तो ये बार किसके आदेश पर खोले जा रहे हैं? अब कांग्रेस नेतृत्व सरकार पर जवाबदेही तय करने का दबाव बना रही है।
स्थानीय ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि एक महिला द्वारा रेस्टोरेंट के लिए पानी की सुविधा के नाम पर ग्रामवासियों से फर्जी तरीके से हस्ताक्षर करवा लिए गए और उन्हीं दस्तावेजों का दुरुपयोग शराब के बार की अनुमति के लिए किया गया है। यह पूरी प्रक्रिया न सिर्फ धोखाधड़ी है, बल्कि ग्रामीणों की भावना और क्षेत्रीय सुरक्षा के साथ बड़ा खिलवाड़ भी।
ग्रामवासियों में
भागीरथी देवी, दीपा देवी ललिता देवी ,नंदी देवी, पूजा रावत , प्रेम देवी, पुष्पा देवी , पूरन सिंह , महेंद्र सिंह , मेला डूंगरी के ग्राम , साथ में एडवोकेट दिग्विजय फर्स्वाण, ज्ञापन जिलाअधिकारी बागेश्वर, व् उप जिलाधिकारी गरुड़ के द्वारा मुख्यमंत्री को भेजा गया
ग्रामवासियों ने चेतावनी दी है कि यदि इन शराब के बारों और दुकानों को तुरन्त नहीं रोका गया, तो वे आने वाले पंचायत चुनावों का पूर्ण बहिष्कार करेंगे और आवश्यकता पड़ने पर उग्र आंदोलन भी करेंगे। उस स्थिति में किसी भी अप्रिय घटना की जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
माँ कोट भ्रामरी मंदिर के दर्शन मार्ग पर, स्कूल जाने वाले बच्चों के रास्ते में और अब बाज़ारों के बीच शराब के ठेके खोलना – क्या यही है देवभूमि उत्तराखंड का भविष्य? क्या सरकार और प्रशासन को अब भी लोगों की आवाज सुनाई नहीं दे रही?