Translate Your Language

Home » उत्तराखंड » बागेश्वर न्यूज़ » गांव की सुरक्षा में ग्राम प्रहरी बनेंगे पुलिस के सहभागी – झिरौली थाना परिसर में पंचायती चुनावों को लेकर गोष्ठी आयोजित

गांव की सुरक्षा में ग्राम प्रहरी बनेंगे पुलिस के सहभागी – झिरौली थाना परिसर में पंचायती चुनावों को लेकर गोष्ठी आयोजित

Facebook
X
WhatsApp
Telegram
“गांव की चौकसी अब होगी और भी मजबूत, ग्राम प्रहरी बनेंगे पुलिस के भरोसेमंद साथी” — इसी सोच को लेकर 15 जून 2025 को थाना झिरौली में एक महत्वपूर्ण गोष्ठी का आयोजन किया गया। यह बैठक आगामी पंचायती चुनावों की तैयारियों को लेकर थी, जिसे पुलिस अधीक्षक बागेश्वर के निर्देश व पुलिस उपाधीक्षक बागेश्वर के पर्यवेक्षण में आयोजित किया गया। इस गोष्ठी की अध्यक्षता झिरौली थानाध्यक्ष मनवर सिंह ने की।
गोष्ठी में थाना क्षेत्र के सभी ग्राम प्रहरियों की उपस्थिति रही, जिन्हें न केवल उनके कर्तव्यों की गहन जानकारी दी गई, बल्कि ग्राम स्तर पर होने वाली आपराधिक गतिविधियों की रोकथाम में उनकी भूमिका को भी स्पष्ट किया गया। थानाध्यक्ष ने कहा कि ग्राम प्रहरी पुलिस की आंख और कान हैं, जो गांव-गांव में होने वाली हलचलों की समय रहते सूचना देकर अपराधों पर नकेल कसने में सहयोग कर सकते हैं।
बैठक में ग्राम प्रहरियों से उनके क्षेत्र की स्थिति, स्थानीय समस्याएं और सामाजिक गतिविधियों के बारे में फीडबैक लिया गया। इसके साथ ही उन्हें निर्देशित किया गया कि गांव में कोई भी संदिग्ध गतिविधि हो, कोई नशे की तस्करी, बाल मजदूरी या अपराध नजर आए तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।
गोष्ठी का एक अहम हिस्सा जनजागरूकता पर केंद्रित रहा। थानाध्यक्ष ने सभी ग्राम प्रहरियों को नई कानूनी धाराओं की जानकारी दी, नशे के व्यापार और सेवन से होने वाले सामाजिक दुष्परिणामों पर विस्तार से चर्चा की, और बाल भिक्षावृत्ति तथा बाल श्रम जैसे संवेदनशील विषयों पर विशेष जानकारी दी गई। साथ ही सड़क दुर्घटनाओं के मामलों में घायलों की सहायता कर “नेक व्यक्ति” बनने के लिए प्रेरित किया गया।
साइबर क्राइम जैसे आधुनिक अपराधों से निपटने के लिए भी सभी ग्राम प्रहरियों को प्रशिक्षित किया गया। उन्हें बताया गया कि किस तरह लोगों को साइबर ठगी से सतर्क किया जाए और किस परिस्थिति में साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930, डायल 112 या महिला हेल्पलाइन 1090 का प्रयोग किया जाए।
झिरौली पुलिस की यह पहल न केवल पंचायत चुनावों को शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराने की दिशा में एक ठोस कदम है, बल्कि गांव-गांव में सुरक्षा और जागरूकता की भावना को भी मज़बूती देती है। ग्राम प्रहरी, जिन्हें अब तक केवल ग्रामीण स्तर के प्रहरी के रूप में देखा जाता था, अब पुलिस प्रशासन के विश्वासपात्र सहयोगी बनते नजर आ रहे हैं।
यह गोष्ठी इस बात का स्पष्ट संकेत है कि पुलिस अब जनसहयोग को आधार बनाकर ग्रामीण सुरक्षा को प्राथमिकता दे रही है। पंचायती चुनावों से पहले की यह पहल न केवल चुनावी व्यवस्था को सुरक्षित बनाएगी, बल्कि गांवों में स्थायी शांति और समरसता कायम रखने में भी मददगार होगी।
मेरा हक न्यूज़, गरुड़ से रिपोर्ट।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Mera Hak News हिंदी के साथ रहें अपडेट

सब्स्क्राइब कीजिए हमारा डेली न्यूजलेटर और पाइए खबरें आपके इनबॉक्स में

और खबरें

Our Visitor

0 0 0 3 7 2
Users Today : 146
Users Yesterday : 143
Users Last 7 days : 371

Rashifal

error: Content is protected !!