रिपोर्ट भगवत नेगी मेरा हक न्यूज गरुड़
आज हम सब गर्व और श्रद्धा से झुके हुए हैं, क्योंकि आज का दिन है कारगिल विजय दिवस — वो ऐतिहासिक दिन, जब भारतीय सेना ने दुश्मन को उसके मंसूबों में नाकाम कर मातृभूमि की रक्षा की थी। इसी महान पराक्रम की स्मृति में आज पूरे देश के साथ-साथ उत्तराखंड की कत्यूर घाटी भी अपने सपूतों को याद कर रही है। गरुड़ क्षेत्र के गांव भगरतोला के वीर सपूत अमर शहीद राम सिंह बोरा को आज नमन करते हुए पूरा क्षेत्र गर्वित है।
राम सिंह बोरा भारतीय सेना के उस बलिदानी दस्ते में शामिल थे, जिन्होंने कारगिल युद्ध के दौरान अपनी जान की परवाह किए बिना ऊँचाई पर बसे दुश्मन ठिकानों पर हमला बोला। ऊँचाई पर कम ऑक्सीजन, भीषण ठंड और दुश्मन की गोलियों के बीच भी उन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राण अर्पण कर दिए। बागेश्वर जनपद के इस लाल की शहादत आज भी युवाओं को प्रेरणा देती है और आने वाली पीढ़ियों को देशभक्ति का सही अर्थ सिखाती है।
आज कारगिल दिवस पर गरुड़ की घाटियों में, स्कूलों, कॉलेजों और पंचायत भवनों में शहीदों को श्रद्धांजलि दी जा रही है। जगह-जगह दीप जलाकर, राष्ट्रगान गाकर, और मौन रखकर क्षेत्रवासियों ने अपने वीर सपूतों को याद किया। हर चेहरा भावुक है लेकिन गर्व से भरा हुआ है।
कारगिल की लड़ाई सिर्फ एक युद्ध नहीं था, वो भारत की आत्मा की लड़ाई थी। और उस आत्मा को बचाने वाले थे राम सिंह बोरा जैसे वीर जवान, जिन्होंने अपने प्राण देश पर न्यौछावर कर दिए।
भारत माता की जय का उद्घोष करते हुए आज हम सब मिलकर कहते हैं —
राम सिंह बोरा अमर रहें,
कारगिल के वीर अमर रहें,
शहीदों को हमारा शत-शत नमन।
जय हिंद।
मेरा हक न्यूज़ से भगवत नेगी।





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